एक ऐसा अवसर, जहाँ भावनाएँ शब्दों में ढलती हैं और विचार कविता के सुरों में बहते हैं ।17 मई,सन् 2025, दिन शनिवार दोपहर 3:00बजे से एन.के. बागड़ोदिया पब्लिक स्कूल के सभागार में प्रधानाचार्या सुश्री अंजली खरबंदा जी के मार्गदर्शन में ‘कवि सम्मेलन’ आयोजित किया गया,जो उपस्थित जनों को एक भावविभोर साहित्यिक यात्रा पर ले गया।विद्यालय के पच्चीसवें वर्ष ‘ रजत जयंति ‘ में पदार्पण करने की यह एक स्मारिका थी।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिष्ठित शिक्षाविद एवं कुशल प्रशासक श्रीमती सुधा आचार्या जी की गौरवमयी उपस्थिति ने हमें अनुगृहीत किया। इसके साथ ही विद्यालय के प्रबंधक महोदय श्री राघव बागड़ोदिया , प्रबंधन समिति के गणमान्य सदस्य, समस्त अभिभावकगण, अध्यापकगण एवं छात्रगण इस कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बने ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ, जिसके पश्चात् विद्यालय की प्रधानाचार्या सुश्री अंजली खरबंदा जी ने गणमान्य अतिथियों को स्मृति चिह्र प्रदान कर हार्दिक अभिनंदन किया और अपने स्वागत भाषण में काव्य की शक्ति को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों में साहित्यिक अभिरुचि विकसित करने की प्रेरणा दी।
इस सम्मेलन की शोभा बनीं देशभर से आमंत्रित जानी-मानी काव्य प्रतिभाएँ, जिन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी, व्यंग्यात्मक अभिव्यक्ति तथा भावपूर्ण काव्य रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को हँसी, गर्व, आत्मचिंतन और प्रेरणा के क्षणों से जोड़ दिया।
सर्वप्रथम मंच पर पधारीं कवयित्री श्रीमती कीर्ति काले जी , जिनकी मॉ शारदे की वंदना से काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया और देशभक्ति की कविता सुना कर श्रोतागणों को हिंदी हिंदू हिंदूस्तान की भावना से सराबोर कर दिया।
तत्पश्चात श्रीमती प्रीतिमा खंडेलवाल जी की हास्य कविताओं ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।श्रीमती राजरानी भल्ला जी , जिनकी कविताओं में जीवन के सूक्ष्म अनुभव झलकते हैं,.श्री सुनहरी लाल ‘तुरंत’ जी जो अपनी तुरंतबाजी और हास्य-विनोद के लिए विशेष ख्याति प्राप्त हैं,श्री संजय जी जिनकी वीर रस से ओतप्रोत कविता ने देशभक्ति की भावना जागृत की तो वही हास्य ने चेहरे की रौनक मुस्कुराहट से बढ़ा दी।श्री ओम प्रकाश कल्याण जी जिनकी कविताओं में जीवन का चित्रण सराहनीय रहा।श्री अवधेश कनौजिया जी जिनकी व्यंग्य रचनाओं में समाज की सच्चाइयों की गहरी झलक मिली तो वहीं श्री अमित गुप्ता जी जिन्होंने हास्य और समाज-संदेश के अद्भुत संगम की प्रस्तुति दी।श्री विनोद पराशर जी जो भावनाओं को सरल शब्दों में पिरोने की कला के धनी हैं की प्रभावशाली प्रस्तुति ने समाँ बाँध दिया।
कार्यक्रम में प्रस्तुत रचनाएँ मुख्यतः हास्य और वीर रस से परिपूर्ण थीं। हास्य कविताओं ने वातावरण को प्रफुल्लित किया, वहीं वीर रस की कविताओं ने दर्शकों के हृदय में देश के प्रति गर्व और उत्साह का संचार किया।
कार्यक्रम के दौरान तालियों की गूंज और हर्षध्वनि इस बात का प्रमाण थी कि सभी रचनाएँ श्रोताओं के मन को छू गईं। छात्र, शिक्षक एवं अभिभावकों ने इन प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी कवियों व अतिथिगणों का हार्दिक धन्यवाद किया गया।साथ ही छात्रों को साहित्य, भाषा और संस्कृति के संवर्धन में सहभागी बनने की प्रेरणा दी।
यह कवि सम्मेलन न केवल एक साहित्यिक आयोजन था, अपितु एक सांस्कृतिक उत्सव था, जिसने सबको आत्मिक रूप से समृद्ध किया। यह अवसर विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए काव्य की दुनिया से जुड़ने का माध्यम बना, जिसे वे सदैव स्मरण रखेंगे।



